**2001 तक के दैनिक कर्मचारियों के नियमितीकरण की तैयारी: सरकार ने दिए संकेत**
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है। राज्य सरकार ने **2001 तक के सभी दैनिक कर्मचारियों** को नियमित करने की संभावनाओं पर विचार करना शुरू कर दिया है। सोमवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस दिशा में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
### **मुख्य निर्णय और बिंदु:**
1. **दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण:**
– **स्थानीय निकाय कर्मचारी सेवा नियमावली** के पुनर्गठन के तहत 2001 तक के दैनिक कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश जल्द जारी होगा।
– इससे राज्य के हजारों कर्मचारियों को स्थायी रोजगार मिलेगा।
2. **वेतन विसंगति और अन्य मुद्दे:**
– लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट और ऑप्टोमेट्रिस्ट जैसे संवर्गों की वेतन विसंगतियों पर सार्थक निर्णय लेने का आश्वासन दिया गया है।
– सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के कर्मचारियों को शिक्षक पद पर पदोन्नति देने और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने पर भी विचार हो रहा है।
3. **आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए कदम:**
– आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए **विद्यमान विनियमन, सेवा सुरक्षा, और न्यूनतम वेतन** से जुड़े मुद्दों को स्थायी नीति के माध्यम से हल किया जाएगा।
– इन कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए विशेष कॉर्पोरेशन बनाने का प्रस्ताव भी विचाराधीन है।
4. **अन्य मांगों पर निर्णय:**
– रोडवेज कर्मचारियों की मांगों के तहत पूर्व समझौतों को लागू करने और अन्य निगमों के कर्मचारियों को सेवांत लाभ प्रदान करने की प्रक्रिया को सुचारु बनाने की बात कही गई।
– सिंचाई विभाग की लंबित सेवा नियमावलियों का भी समाधान करने के निर्देश दिए गए।
### **सरकार का दृष्टिकोण:**
मुख्य सचिव ने इस बैठक में कर्मचारियों की समस्याओं पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने निर्देश दिए कि कर्मचारियों के **प्रमोशन, वेतन विसंगतियां, और सेवा संबंधी अन्य मांगों** को शीघ्रता से हल किया जाए।
### **कर्मचारी संगठनों की प्रतिक्रिया:**
बैठक के बाद कर्मचारी संगठनों ने इसे सकारात्मक कदम बताया। उन्होंने सरकार से यह भी आग्रह किया कि निर्णयों को समयबद्ध तरीके से लागू किया जाए ताकि कर्मचारियों को शीघ्र लाभ मिल सके।
### **निष्कर्ष:**
सरकार का यह कदम लंबे समय से लंबित मुद्दों के समाधान की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। यदि यह प्रक्रिया सफलतापूर्वक लागू होती है, तो राज्य के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को स्थायित्व और सुरक्षा मिलेगी, जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर होगा।

