सरकारें स्वच्छ हवा देने को बाध्यः कोर्ट

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**दिल्ली-एनसीआर में खतरनाक प्रदूषण: सुप्रीम कोर्ट सख्त, स्कूल और कार्यालय बंद करने के निर्देश** 

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण और दमघोंटू हवा के हालात पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त कदम उठाए हैं। सोमवार को कोर्ट ने **दिल्ली और एनसीआर के सभी स्कूलों को बंद करने** का आदेश दिया और 12वीं तक की कक्षाएं **ऑनलाइन** चलाने का निर्देश दिया। कोर्ट ने यह भी साफ किया कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप)-4 के प्रतिबंध **एक्यूआई 450 से नीचे आने के बाद भी लागू रहेंगे** और इसमें बदलाव केवल कोर्ट की अनुमति से होगा। 

### **सुप्रीम कोर्ट के निर्देश:** 
1. **स्कूल और शिक्षण संस्थान:** 
   – दिल्ली-एनसीआर में सभी स्कूल बंद। 
   – ऑनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था अनिवार्य। 
   – मेरठ, हापुड़, बागपत और बुलंदशहर में भी मंगलवार को स्कूल बंद रहेंगे। 

2. **कार्यालय और वाणिज्यिक गतिविधियां:** 
   – एनसीआर राज्यों और केंद्र को निर्देश दिया गया कि वे सार्वजनिक, निजी और नगरपालिका कार्यालयों में **50% क्षमता** पर काम करने का निर्णय लें। 
   – सम-विषम यातायात प्रणाली और वाणिज्यिक गतिविधियों पर रोक लगाने के भी निर्देश। 

3. **प्रदूषण नियंत्रण के उपाय:** 
   – वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) और राज्य सरकारों को **ग्रैप-4 को सख्ती से लागू** करने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश। 
   – एनसीआर के प्रत्येक जिले में टीमें गठित कर प्रतिबंधों की निगरानी सुनिश्चित करने को कहा गया। 

4. **शिकायत तंत्र:** 
   – प्रदूषण रोकने के लिए एक तंत्र स्थापित करने का निर्देश, ताकि **ग्रैप-4 के उल्लंघन पर शिकायतें दर्ज की जा सकें।** 

### **वर्तमान स्थिति:** 
– **दिल्ली का हाल:** 
   सोमवार को प्रदूषण का असर इतना अधिक था कि **लाल किला भी धुंध में ढका हुआ** नजर आया। 
– **वेस्ट यूपी में असर:** 
   मेरठ, हापुड़, बागपत और बुलंदशहर जैसे जिलों में भी प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। इन जिलों में भी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। 
– **प्रयागराज में राहत:** 
   प्रयागराज का **एक्यूआई 98** रहा, जो ग्रीन जोन में है। 

### **प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर कोर्ट की नाराजगी:** 
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर नागरिक को प्रदूषण मुक्त वातावरण में जीवन जीने का अधिकार है। केंद्र और राज्य सरकारों पर यह संवैधानिक जिम्मेदारी है कि वह प्रदूषण को नियंत्रित करें। कोर्ट ने ग्रैप-4 लागू करने में देरी को लेकर दिल्ली सरकार और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की कड़ी आलोचना की। 

### **आगे की राह:** 
मुख्य सचिव ने उत्तर प्रदेश के मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा समेत प्रभावित जिलों के डीएम को निर्देश दिया है कि वे वायु गुणवत्ता पर निगरानी रखें और अगर **एक्यूआई 449** तक पहुंचता है तो तुरंत ग्रैप-4 लागू करें। इसके अलावा, प्रदूषण नियंत्रण के लिए दीर्घकालिक उपायों की जरूरत पर भी बल दिया गया है। 

### **निष्कर्ष:** 
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के हालात बेहद गंभीर हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश से यह स्पष्ट है कि अब प्रदूषण नियंत्रण को लेकर किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। स्कूलों और कार्यालयों को बंद करने जैसे कदम उठाए गए हैं, लेकिन प्रदूषण के स्थायी समाधान के लिए सख्त और प्रभावी नीतियां बनानी जरूरी हैं।

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