विद्यालय प्रबंधन समिति (School Management Committee – SMC) का गठन शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE Act) 2009 के तहत किया जाता है। वर्ष 2024 में विद्यालय प्रबंधन समिति का गठन निम्नलिखित प्रक्रिया के अनुसार किया जाएगा:
विद्यालय प्रबंधन समिति गठन के उद्देश्य
1. विद्यालय के प्रबंधन और विकास में सामुदायिक सहभागिता सुनिश्चित करना।
2. विद्यालय के कार्यों की निगरानी और उसमें सुधार के लिए सुझाव देना।
3. छात्रों की उपस्थिति, पढ़ाई के स्तर और सुविधाओं की गुणवत्ता में सुधार लाना।
गठन प्रक्रिया
1. समिति में सदस्य:
प्रधानाध्यापक या प्रधानाचार्य (अध्यक्ष के रूप में)।
अभिभावक (माता-पिता या अभिभावकों की भागीदारी 75% होगी)।
एक शिक्षक प्रतिनिधि।
ग्राम पंचायत या स्थानीय निकाय का प्रतिनिधि।
समुदाय के अन्य व्यक्ति जैसे सामाजिक कार्यकर्ता या शिक्षा से जुड़े लोग।
2. निर्वाचन प्रक्रिया:
अभिभावकों का चयन विद्यालय में आम बैठक के माध्यम से किया जाएगा।
समिति का गठन पारदर्शी और लोकतांत्रिक प्रक्रिया से किया जाएगा।
3. कार्यकाल:
समिति का कार्यकाल अधिकतम 2 वर्ष तक रहेगा।
4. महिला प्रतिनिधित्व:
समिति में कम से कम 50% सदस्य महिलाएं होंगी।
5. बैठकें:
समिति हर महीने बैठक करेगी और विद्यालय से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेगी।
बैठक का रजिस्टर तैयार किया जाएगा।
समिति के कार्य और उत्तरदायित्व
1. विद्यालय में छात्रों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना।
2. मध्यान्ह भोजन योजना की निगरानी करना।
3. शिक्षकों की उपस्थिति और शिक्षण गुणवत्ता पर ध्यान देना।
4. विद्यालय के विकास के लिए फंड की व्यवस्था करना।
5. बच्चों के दाखिले और ड्रॉपआउट रोकने के प्रयास करना।
नवीन SMC गठन का महत्व
2024 में SMC का गठन सामुदायिक भागीदारी और शिक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए किया जा रहा है। यह प्रक्रिया बच्चों के सर्वांगीण विकास और शिक्षा में सुधार लाने का एक अहम कदम है।
यदि आपको क्षेत्र विशेष में SMC गठन के लिए सरकारी दिशा-निर्देश चाहिए, तो संबंधित शिक्षा विभाग से संपर्क करें।
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C/P