उत्तर प्रदेश में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अब संस्कृत बोर्ड की परीक्षाओं में भी यूपी बोर्ड की तर्ज पर परीक्षा केंद्रों का निर्धारण किया जाएगा। इसके लिए माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद ने नई नीति जारी की है, जिसमें राजकीय विद्यालयों को परीक्षा केंद्र के रूप में प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, 16 नए राजकीय संस्कृत विद्यालयों की स्थापना और कई जॉब-ओरिएंटेड कोर्स शुरू किए जा रहे हैं, ताकि संस्कृत शिक्षा का विस्तार हो सके।
संस्कृत बोर्ड परीक्षाओं के केंद्र निर्धारण में यह ध्यान रखा जाएगा कि प्रत्येक केंद्र पर परीक्षार्थियों की संख्या 500 से अधिक और 100 से कम न हो। दिव्यांग और बालिका छात्रों को स्वकेंद्र की सुविधा प्रदान की जाएगी, और यदि यह संभव न हो तो उन्हें निकटतम केंद्र में समायोजित किया जाएगा।
परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने के लिए विशेष निरीक्षण भी किया जाएगा, जिसमें सीसीटीवी कैमरे, वायर रिकॉर्डर, राउटर, डीवीआर, हाई-स्पीड इंटरनेट, डबल लॉक अलमारी, बाउंड्रीवाल, और क्लास रूम फर्नीचर जैसी सुविधाओं का सत्यापन किया जाएगा।
जिला स्तर पर डीआईओएस की अध्यक्षता में और मंडल स्तर पर मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। ये कमेटियां 25 नवंबर तक केंद्रों का निर्धारण करेंगी, जिसके बाद 26 नवंबर को केंद्रों की सूची प्रकाशित की जाएगी। आपत्तियों का निस्तारण 30 नवंबर तक होगा, और अंतिम अनुमोदन 10 दिसंबर तक कर दिया जाएगा।
