राजधानी लखनऊ में धारा 163 BNSS पूर्व धारा 144 Crpc लगाई गई, देखें आदेश

आगामी विभिन्न महत्वपूर्ण त्यौहार कार्तिक पूर्णिमा, गुरू तेग बहादुर शहीद दिवस, काला दिवस, क्रिसमस डे, नववर्ष व विभिन्न प्रवेश परीक्षाएं तथा विभिन्न राजनैतिक पार्टियों / भारतीय किसान संगठनों एवं प्रदर्शनकारियों द्वारा धरना प्रदर्शन आदि से शान्ति व्यवस्था का पूर्णतया अनुपालन कराने हेतु दिनांक 14.11.2024 से नवीन निषेधाज्ञा अंतर्गत धारा 163 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (पूर्व धारा 144 सीआरपीसी) लागू की जाती है।

इसके अतिरिक्त नवम्बर से जनवरी माह में विभिन्न महत्वपूर्ण त्योहार/कार्यक्रम तथा विभिन्न प्रवेश परीक्षायें लखनऊ में आयोजित होंगी। बिना अनुमति के निर्धारित धरना स्थल (ईको गार्डन) को छोड़कर अन्य स्थान पर किसी भी प्रकार का धरना प्रदर्शन, सरकारी दफ्तरों व राजभवन, मा० मुख्यमंत्री आवास, विधानभवन के आसपास नो फ्लाइंग जोन में ड्रोन कैमरे से शूटिंग, ट्रैक्टर, ट्रैक्टर- ट्राली, घोड़ागाड़ी, बैल गाड़ी, भैसा गाड़ी, तांगागाड़ी तथा अग्नि सम्बन्धी उपकरण, ज्वलनशील पदार्थ, घातक पदार्थ हथियार आदि लेकर आवागमन पूर्णरूप से प्रतिबन्धित रहेगा। लखनऊ की सीमा के अन्दर बिना अनुमति के आयोजन (विभिन्न मैचों, मॉल होटल/रेखां परिसर में संगीत कार्यक्रम आदि) जिनसे कानून व्यवस्था प्रभावित होने की संभावना हो, तेज धार वाले तथा नुकीले शस्त्र अथवा आग्नेयास्ख/ज्वलनशील पदार्थ व हथियार तथा आदि लेकर चलना व सार्वजनिक स्थलों पर पुतला जलाना, अफवाहे फैलाना तथा मौखिक, लिखित, इलेक्ट्रानिक या सोशल मीडिया के माध्यम से गलत सूचना का प्रसारित किया जाना प्रतिबन्धित रहेगा। लखनऊ में वितरण कर्मचारी रखने वाली सभी निजी कम्पनियाँ सेवा प्रदाता व अन्य ऑनलाइन कम्पनियों की जिम्मेदारी होगी कि वितरण कर्मचारियों की नियुक्ति से पूर्व उनका पुलिस सत्यापन अनिवार्य रूप से करायेंगे। कोई भी मकान मालिक जिनका मकान लखनऊ में स्थित है वह बिना किरायेदार का पुलिस सत्यापन कराये मकान किराये पर नहीं देंगे। निर्देशों का उल्लंघन करने पर यदि वितरण कर्मचारी/किरायेदार द्वारा कोई अपराध कारित किया जाता है या कोई गम्भीर घटना कारित की जाती है और वितरण कर्मचारी/किरायेदार का नाम पता तस्दीक न होने के कारण उसका पता नहीं चल पाता है तो सेवा प्रदाता/मकान मालिक के विरुद्ध भी विधिपूर्ण कार्यवाही की जा सकेगी। नवीन निषेधाज्ञा धारा 163 भारतीय नागरिक सुरक्षां संहिता का उल्लंघन करना धारा 223 भारतीय न्याय संहिता व अन्य सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध माना जायेगा।

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यह आदेश यदि बीच में वापस न लिया गया तो दिनांक 12.01.2025 तक लागू रहेगा।

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